5 Essential Elements For sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

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न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।

अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।

श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.

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मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम click here जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

Something that should be observed is such a way demands tricky Sadhna and Sacrifice from someone. At the same time, the detrimental impact of your slightest miscalculation is the reason that Tantrik techniques of reaching God in many cases are stated being avoided. 

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